IAS Success Story : विधवा मां को तंगहाली से निकालकर रुतबे और इज्जत की जिंदगी देने के लिए बेटी बनी IAS

IAS Success Story : आज के समय में हर कोई भारतीय प्रशासनिक सेवा ( Indian Administrative Service ) परीक्षा पास करना चाहता है ! गाँव के एक छोटे से कमरे में जहाँ चार लोग रहते थे। संसाधनों के नाम पर न लैपटॉप, न आईफोन, न वाई-फाई कनेक्शन। न ही कोचिंग के लिए बड़ी फीस चुकानी पड़ती थी। लेकिन अपने स्कूल में एक एसडीएम को देखने के बाद दिव्या ने तय कर लिया था कि वह अपनी मां के लिए वही रुतबा और शोहरत हासिल करेंगी जो एक अधिकारी की मां को मिलता है। दिव्या ( IAS Divya Tanwar ) ने सच में यह उस मां के लिए किया है, जिसे अपने पिता के जाने के बाद तीन बच्चों को पालना था।

IAS Success Story

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भारतीय प्रशासनिक सेवा ( Indian Administrative Service ) देश की सबसे कठिन परीक्षाओ में से एक है ! ऐसे ही दिव्या ( IAS Divya Tanwar ) अपने इंटरव्यू में बताती हैं कि जब मैं आठ-नौ साल की थी, तभी मेरे सिर से पिता का साया उठ गया। जीवन अत्यंत गरीबी और कष्ट में बीता। मैं जब भी पढ़ता था तो अपनी मां को ध्यान में रखकर पढ़ता था ताकि उन्हें गर्व महसूस हो। उन्हें यहां से बाहर ले जाना होगा।

कैसे देखा Indian Administrative Service बनने का सपना

दिव्या ( IAS Divya Tanwar ) ने कहा कि जब मैं स्कूल में थी तो एक वार्षिक समारोह था और एसडीएम सर मुख्य अतिथि के तौर पर आये थे। मैंने उनका रुतबा देखा, भाषण दिया, इतना सम्मान मिला तो मैंने सोचा कि मुझे भी एसडीएम बनना है। जब मैं कॉलेज गया तो मुझे यूपीएससी के बारे में पता चला। फिर मैंने यूपीएससी ( Union Public Service Commission ) की वेबसाइट पर सिलेबस देखा।

कैसे की घर में रहकर तैयारी | Indian Administrative Service

दिव्या ( IAS Divya Tanwar ) ने बताया कि मैंने सिलेबस देखा, पैटर्न देखा और तैयारी शुरू कर दी। जब संघर्ष होता है तो मन में दबाव अधिक होता है। मैंने उन स्थितियों में हमेशा सकारात्मक रवैया रखा, मैंने तय कर लिया था कि मुझे इससे बाहर निकलना ही है, इसलिए मैंने उसी कमरे में तैयारी की। मां के साथ बहन और भाई ने सपोर्ट किया। कभी घर का कोई काम नहीं करना पड़ा। जब भी कोई फंक्शन होता था तो मैं कहीं और चला जाता था, जैसे अपनी मौसी के घर।

IAS Success Story | IAS Divya ने ऐसे की तैयारी

इस क्षेत्र में आसपास कोई रिश्तेदार या वरिष्ठ नहीं थे। दिव्या ( IAS Divya Tanwar ) ने सिर्फ गूगल यूट्यूब से तैयारी देखी। दिव्या बताती हैं कि उन्होंने पांचवीं तक गांव में पढ़ाई की, फिर पांचवीं में नवोदय में चयन हो गया। इसके बाद 12वीं के बाद उन्होंने गवर्नमेंट पीजी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। फीस और किताबों का खर्च उठाने के लिए मनु गांव के स्कूल में दो-तीन घंटे पढ़ाते थे। घर पर ट्यूशन पढ़ाया। मैंने टॉपर्स द्वारा अनुशंसित पुस्तकें खरीदीं जिन्हें मैंने उनके साक्षात्कारों में देखा था। यूपीएससी ( Union Public Service Commission ) की तैयारी एनसीईआरटी की किताबों से तैयारी की। पिछले वर्ष के पेपर देखें, टेस्ट सीरीज़ में शामिल हों। भारतीय प्रशासनिक सेवा ( Indian Administrative Service ) मेरी रणनीति का पहला सबक यह था कि समस्याओं से मत डरो, आज नहीं तो कल, मेहनत व्यर्थ नहीं जाती।

दूसरे प्रयास में पास की Union Public Service Commission

आपको बता दें कि दिव्या ( IAS Divya Tanwar ) का यह दूसरा प्रयास था, यूपीएससी ( Union Public Service Commission ) सिविल सेवा परीक्षा 2021 उनका पहला प्रयास था। पिछली बार उनकी रैंक 438वीं थी और उन्हें आईपीएस रैंक मिली थी। उन्हें मणिपुर कैडर आवंटित किया गया था। उन्होंने बेहतर रैंक हासिल कर आईएएस बनने के लिए अपनी तैयारी जारी रखी। भारतीय प्रशासनिक सेवा ( Indian Administrative Service ) में मेहनत रंग लाई और अब यूपीएससी परीक्षा के नतीजों में उन्हें 105वीं रैंक मिली है।

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