TCS on Foreign Tour Package : विदेशी टूर पैकेज पर सरकार से टीसीएस घटाने की मांग, यहां जानें

TCS on Foreign Tour Package विदेशी टूर पैकेज पर सरकार से टीसीएस घटाने की मांग, यहां जानें : अंतरराष्ट्रीय यात्रा पैकेजों पर टैक्स कलेक्ट एट सोर्स ( Tax Collected at Source on Foreign Tour Package ) एक खास तरह का टैक्स है, जो किसी व्यक्ति या यात्री के अंतरराष्ट्रीय यात्रा पैकेज को खरीदते समय किया जाता है। ये टैक्स खास तौर से यात्रा एजेंट्स द्वारा विक्रेता से कटई जाता है और इसे सीधे सरकार के खाते में जमा किया जाता है। इस टैक्स का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर संसाधित कर होने वाले व्यापारिक गतिविधियों को देखते हुए यात्रा सेवा प्रदाताओं को उनके द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिए जाने वाली सेवाओं पर टैक्स लगाना है।

Tax Collected at Source on Foreign Tour Package

TCS on Foreign Tour Package
TCS on Foreign Tour Package

इससे व्यापारिक संबंध और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों ( TCS on Foreign Tour Package ) के बीच यात्रा संबंधित सेवाओं का नियमित और विनियमितीकरण होता है। ये टैक्स संबंधित देश के कर विधियों और नियमों के अनुसार कई तरह के नामों से जाना जा सकता है। जैसे International Travel Tax, Foreign Service Tax, Tourism Tax, Foreign Service Fee आदि। ये कर सभी अंतरराष्ट्रीय यात्राओं को संशोधित किया जाता है, चाहे वो हवाई यात्रा, रेल यात्रा, समुद्री यात्रा या बस यात्रा हो। ये यात्रा पैकेज खरीदने पर लागू होता है और इसका दर पैकेज की कटौती पर निर्भर करता है।

सरकार की कैसे मदद करता है Tax Collected at Source

इस टैक्स ( Tax Collected at Source ) का दर यात्रा पैकेज के मूल्य का एक निश्चित प्रतिशत होता है और यात्री को इसे पैकेज की कुल कीमत में जोड़कर भुगतान करना पड़ता है। इससे यात्री के लिए ज्यादा लागत होती है, लेकिन सरकार को इसके द्वारा कर आय उत्पन्न होती है और ये बाकी सेवाओं और विकास प्रोजेक्ट्स को निधि प्रदान करने में मदद करता है।

ऐसे में अंतरराष्ट्रीय यात्रा पैकेजों पर टैक्स कलेक्ट एट सोर्स ( Tax Collected at Source On International Travel Packages ) एक बड़ा जरूरी टैक्स है, जो ट्रैवल इंडस्ट्री के विकास और संचालन को समर्थित करता है और सरकार को ज्यादा इमकम प्राप्त करने में मदद करता है।

विदेशी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार को कई तरह के कदमों के साथ ही अंतरराष्ट्रीय यात्रा पैकेजों पर टीसीएस ( TCS on Foreign Tour Package ) कम करने और विदेशी जहाजों को भारतीय क्षेत्र में परिचालन, यानी भारतीय समुद्री क्षेत्रों में विदेशी जहाजों को काम करने की अनुमति देने पर विचार करना चाहिए। इस बारे में रविवार को एक रिपोर्ट जारी की गई थी।

विदेशी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जरूरी

फिक्की के सहयोग से नांगिया एंडरसन एलएलपी ने तैयार की गई ‘अनलॉक द पोटेंशियल: आउटबाउंड पर्यटन की एक झलक’ ( Unlock the Potential: A Look in Outbound Tourism ) शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में विदेशी पर्यटन 2023 से 2032 तक 11.4 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर ( Compound Annual Growth Rate ) यानी समायोजित वार्षिक वृद्धि दर ( Adjusted Annual Growth Rate ) से बढ़ने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय यात्रा और पर्यटन उद्योग में वृद्धि आय स्तर बढ़ाने और जीवनस्तर को बेहतर बनाने के लिए विविध पर्यटन उपायोगिता और नियामकीय सहायता का इस्तेमाल किया जाना जरूरी है।

क्या उपाय उठा सकती है सरकार?

TCS on Foreign Tour Package : एक रिपोर्ट में कुछ उपायों की सिफारिश की गई है, जिन्हें सरकार अपना सकती है। इनमें टीसीएस ( Tax Collected at Source ) को वापस लेना बाकी दूसरे देशों के साथ साझेदारी के अवसरों को बढ़ाना, एयरलाइंस के साथ समझौते और विदेशी जहाजों को भारतीय क्षेत्र में परिचालन की अनुमति देना शामिल है।

रिपोर्ट में इसका भी जिक्र हुआ है कि हालांकि सरकार ने सात लाख रुपये सालाना तक राशि वाले विदेशी यात्रा पैकेज पर टीसीएस ( TCS ) को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 20 फीसदी करने के प्रस्ताव को वापस ले लिया है और सात लाख रुपये से ज्यादा के पैकेज पर कर वृद्धि को अक्टूबर तक टाल दिया गया है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि उद्योग निकायों ने टीसीएस को 2.5 प्रतिशत करने की मांग की है, लेकिन इसे घटाने की सरकार की पूरी कोशिश नहीं हुई है।

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