Income Tax Save : नौकरी करने वाले लोग ऐसे बचा सकते हैं अपना टैक्स, यहां जानें

Income Tax Save नौकरी करने वाले लोग ऐसे बचा सकते हैं अपना टैक्स, यहां जानें : इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल ( Income Tax Return File ) की डेडलाइन 31 जुलाई 2023 है। अगर सरकार डेडलाइन ( ITR File Deadline ) नहीं बढ़ाती है, तो आपको पेनाल्टी ( ITR Late File Penalty ) भरना पड़ सकता है। इसलिए जल्द से जल्द अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर दें। ऐसे में ज्यादातर लोग इस बात को लेकर सोचते हैं कि कैसे वो अपने टैक्स को बचा सकते हैं। अगर आप भी नौकरीपेशा हैं और टैक्स बचाने के उपाय खोज रहे हैं तो आज की पोस्ट आपके लिए ही है।

Income Tax Save In These Ways

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नौकरीपेशा लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न ( Income Tax Return File ) फाइल करने के सीजन के शुरू होते ही टैक्स सेविंग्स ( Tax Saving ) शुरू करना सही रहता है। इसके तहत कई स्कीमें ( Tax Saving Schemes ) होती हैं, जिनसे हमें टैक्स छूट ( Tax Exemption ) का लाभ मिलता है। यहां हम आपको कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जिनका इस्तेमाल करके आप अपने टैक्स ( Income Tax Save ) बचा सकते हैं। चलिए जानते हैं कैसे बचा सकते हैं टैक्स।

मकान किराया भत्ता ( House Rent Allowance )

टैक्स ( Income Tax Save ) बचाने की शुरुआत मकान किराया भत्ता ( House Rent Allowance ) से ही करते हैं। HRA एक ऐसा भत्ता है जो कर्मचारियों को उनके निवास स्थान के किराये का भुगतान करने के लिए दिया जाता है। ये भत्ता कंपनी द्वारा कर्मचारियों की सैलरी के साथ भुगतान किया जाता है। इसे आयकर कानून के सेक्शन 10(13A) के तहत कुछ सीमाओं के अधीन होने से हर्जाना बचाने की छूट दी जा सकती है।

1. HRA के रूप में प्राप्त होने वाली कुल आय पर टैक्स छूट।
2. महानगरों में रहने वाले व्यक्तियों को मूल वेतन के 50 फीसदी तक और छोटे शहरों में रहने वालों को बेसिक सैलरी का 40 फीसदी तक आयकर छूट।
3. महानगरों में रहने वाले व्यक्तियों को मूल वेतन के 50 फीसदी तक और छोटे शहरों में रहने वालों को बेसिक सैलरी का 40 फीसदी तक आयकर छूट।

इन तीन तथ्यों को हिसाब लगाने पर सबसे कम रकम निकलेगी, उसे आप मकान किराया भत्ता ( House Rent Allowance ) से टैक्स छूट के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा HRA के रूप में प्राप्त होने वाली आय पर टैक्स की छूट का लाभ केवल वही नौकरीपेशा व्यक्ति उठा सकता है, जिसके वेतन में HRA शामिल हो और वे किराए पर रहता हो। इस छूट को प्राप्त करने के लिए आपको किराया दारी का अग्रीमेंट या मकान किराए पर रसीद देनी पड़ती है।

होम लोन ( Home Loan )

अगर आपने होम लोन ( Home Loan ) लिया है तो आप इसके प्रिंसिपल अमाउंट ( Principal Amount ) पर 80C के तहत आयकर छूट ( Income Tax Exemption Benefit ) का लाभ उठा सकते हैं। इसके साथ ही, आप होम लोन के ब्याज ( Home Loan Interest Exemption ) पर भी छूट का लाभ उठा सकते हैं। ये छूट आप इनकम टैक्स के सेक्शन 24 (b) के तहत दावे कर सकते हैं। इनकम टैक्स नियमों के अनुसार, 2 लाख रुपए तक के ब्याज पर आयकर छूट का दावा किया जा सकता है। हालांकि, ये आयकर छूट तभी मिलेगी जब प्रॉपर्टी सेल्फ-ऑक्यूपाइड ( Self-Occupied ) हो, यानी जब आप खुद उसमें रहते हों।

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ( Health Insurance Policy )

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80D ( Section 80D of the Income Tax Act ) के तहत अगर करदाता हेल्थ इंश्योरेंस ( Health Insurance Payment of Premium ) के प्रीमियम का भुगतान करता है, तो उसे टैक्स में छूट मिलती है। अगर आपने खुद के लिए, जीवनसाथी, बच्चों और माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ( Health Insurance Policy ) ली है, तो आप 25,000 रुपए तक के प्रीमियम पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। इस केस में माता-पिता की उम्र 60 साल से कम होनी चाहिए। अगर आपके माता-पिता सीनियर सिटिजन हैं, तो टैक्स छूट की सीमा 50,000 रुपए हो जाएगी।

कर्मचारी भविष्य निधि ( Employees Provident Fund )

Income Tax Save : सैलरी पाने वाले लोगों के लिए टैक्स बचाने का एक सबसे सरल ऑप्शन कर्मचारी भविष्य निधि ( Employees Provident Fund ) भी है। इसमें इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक की टैक्स में छूट ( Tax Exemption ) मिलती है। पीएफ अकाउंट में मिलने वाला सालाना 2.5 लाख रुपए तक का ब्याज टैक्स फ्री रहता है।

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