EPF Claim Form ईपीएफ क्लेम फॉर्म 31 और 19 में क्या है फर्क? यहां जानें : कर्मचारी भविष्य निधि ( Employees Provident Fund ) यानी EPFO एक सामाजिक सुरक्षा सेवानिवृत्ति लाभ योजना ( Social Security Retirement Benefit Plan ) है, जो भारत में सभी सैलरी पाने वाले कर्मचारियों के लिए होती है। ईपीएफ योजना ( EPFO Plan ) का प्रबंधन और रखरखा करता है। 20 से ज्यादा कर्मचारियों वाले किसी भी संगठन या कंपनी को ईपीएफओं का ईपीएफ सुविधा ( EPFO EPF Facility ) देने के लिए जरूरी है, जिसके लिए रजिस्ट्रेशन किया जाता है। कर्मचारी भविष्य निधि ( EPFO ) के सभी फड़ों को एक साथ रखा जाता है, जो एक ट्रस्ट में निवेश किया जाता है जो सरकार और ईपीएफओ बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ( EPFO Board Of Trustees ) द्वारा जरूरत के तौर पर लगभग 8 से 1,296 सालाना ब्याज देता है।
EPF Claim Form
ऐसे में अगर आप नौकरीपेशा हैं और हर महीने आपकी सैलरी में से कुछ हिस्सा ईपीएफ अकाउंट ( EPF Account ) में भी जाता है, तो आपको इसकी निकासी से जुड़े नियमों के बारे में जानना जरूरी है, क्योंकि ईपीएफ ( EPF ) के जरिए आपके पास अच्छा खासा फंड इकट्ठा हो जाता है। जैसा की हम आपको बता चुके हैं कि जरूरत पड़ने पर आप इस फंड से थोड़ा पैसा निकाल भी सकते हैं, जिसकी निकासी के लिए ईपीएफ क्लेम फॉर्म 31 और 19 ( EPF Claim Form 31 and 19 ) की जरूरत पड़ती है।
लेकिन इन दोनों फॉर्म के इस्तेमाल को लेकर लोग काफी कंफ्यूज हो जाते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इन फॉर्म का इस्तेमाल अलग-अलग मकसद के लिए किया जाता है। आज हम आपने इस पोस्ट में आपके इन दोनों फॉर्म से जुड़ी बेहद खास जानकारी देने जा रहे हैं, जो आपके बेहद काम आएगी। चलिए आपको बताते हैं कि आप किसी ईपीएफ क्लेम फॉर्म ( EPF Claim Form ) अपने पैसों की निकासी कर सकते हैं।
ईपीएफ के तहत कर लाभ
वहीं अगर ईपीएफ ( EPF ) के तहत मिलने वाले लाभ की बात करें तो आप आयकर अधिनियम की धारा 80 सी ( Section 80C of the Income Tax Act ) के तहत अपने ईपीएफ योगदान ( EPF Contribution ) के लिए आयकर कटौती के लिए पात्र हैं रु। इसके अलावा आपके ईपीएफ ( EPF ) में एकमुश्त निवेश। कम से कम 5 सालों की अनिवार्य अवधि के बाद आयकर से पूरी तरह से छूट वापस ली जा सकती है।
फॉर्म 31 और 19 की कब पड़ती है जरूरत
चलिए अब आपको बताते हैं कि इन EPF के इन फॉर्म्स की कब पड़ती है जरूरत। जैसा की आप सभी जानते हैं कि नौकरी के दौरान कभी-कभी ऐसा समय आ जाता है जब आपको ईपीएफ खाते ( EPF Account ) से पैसा निकालने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में इस जरूरत को पूरा करने के लिए जब आप अपने पीएफ बैलेंस ( PF Balance ) का कुछ हिस्सा या एडवांस पीएफ ( Advance PF ) निकालते हैं, तब आपको पीएफ निकासी फॉर्म 31 ( PF Withdrawal Form 31 ) की जरूरत पड़ती है, जिसे ईपीएफ क्लेम फॉर्म 31 ( EPF Claim Form 31 ) भी कहा जाता है।
साथ ही ये भी जान लें कि जरूरत के हिसाब से निकासी के नियम अलग-अलग होते हैं। वहीं जब आपको ईपीएफ के पूरे फंड की निकासी ( Withdrawal Of Entire EPF Fund ) करनी होती है तो इसके लिए पीएफ निकासी फॉर्म 19 ( PF Withdrawal Form 19 ) का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे ईपीएफ क्लेम फॉर्म 19 ( EPF Claim Form 19 ) भी कहा जाता है। ईपीएफओ के नियम के अनुसार कोई भी इंसान लगातार दो महीने तक बेरोजगार रहने या रिटायरमेंट के बाद अपने ईपीएफ फंड का पूरा पैसा निकाल सकता है।
10D फॉर्म का इस्तेमाल कब होता है
ईपीएफओ ( EPFO ) के नियम के मुताबिक अगर किसी इंसान ने 10 सालों तक लगातार नौकरी करके ईपीएफ पेंशन अकाउंट ( EPF Pension Account / EPS ) में अपना योगदान दिया है तो वो पेंशन पाने का हकदार हो जाता है। इतना ही नगीं नौकरी से रिटायरमेंट के बाद उसे ये पैसा पेंशन के तौर पर दिया जाता है। ऐसे में रिटायरमेंट के बाद पेंशन ( Pension ) का लाभ लेने के लिए फॉर्म 10D ( EPF Form 10D ) को भरना होता है। इसके अलावा किसी भी दूसरी स्थिति में भी अगर इंसान ईपीएफओ से पेंशन पाने का हकदार है तो भी वो इस फॉर्म 10D को भर सकता है।
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