General Knowledge Human Calculator Shakuntala Devi जानें ह्यूमन कैलकुलेटर शकुंतला देवी के बारे में रोजच बातें : दुनिया में ऐसे बेहद से लोग हैं, जो अपनी-अपनी काबिलियत के मामले में यूनिक हैं और उसके लिए जाने जाते हैं। ऊपर वाले ने हर किसी को एक हुनर से नवाजा है, जिसको लेकर वो दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है और बना रहा है। इसी बात के साथ आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में एक ऐसी ही शख्सियत के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने अपने यूनिक गणितीय कौशल ( Mathematical Skills ) से उस समय के सबसे तेज कंप्यूटर को भी पीछे छोड़ दिया था। आज हम आपको दुनिया की फेमस गणितज्ञ ( Mathematician ), ज्योतिषी ( Astrologer ) शकुंतला देवी ( Shakuntala Devi ) के बारे में बताने जा रहे हैं।
ह्यूमन कैलकुलेटर शकुंतला देवी से जुड़ी रोजच बातें | GK In Hindi
शकुंतला देवी को भारत की मानव कंप्यूटर ( Human computer ) के रूप में जाना जाता है। अपनी संख्यात्मक गणना ( Mental Calculator ) की गति और सरलता के कारण उन्हें मानव कंप्यूटर भी कहा जाता है। शकुंतला देवी भारत की एक महान हस्ती, प्रसिद्ध गणितज्ञ, ज्योतिषी, लेखिका और समाजसेविका थीं। अपने यूनिक कौशल और समाज सेवी भावना के कारण आज उनका नाम भारत सहित पूरी दुनिया में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है। कहा जाता है कि साल 1980-90 के दशक में जब भारत के किसी गांव या शहर में कोई बच्चा गणित विषय में ज्यादा होशियार हो जाता था तो उसे संबोधित करते हुए कहा जाता था कि ये बच्चा तो शकुंतला देवी बन रहा है।
Shakuntala Devi Masters In Mathematics | GK In Hindi
शकुंतला देवी बचपन से ही एक तेज तर्रार बच्ची थी जो गणित ( Shakuntala Devi Masters In Mathematics ) के हर तरह के सवालों का जवाब बखूबी दे देती थी। अपनी इस प्रतिभा से वह हमेशा लोगों को गणित में रुचि पैदा करने के लिए प्रेरित भी करती रहती थीं। एक कुशल गणितज्ञ होने के साथ-साथ वे एक ज्योतिषी, लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता भी थीं। उनके गणित विषय पर आधारित लेख आज भी हजारों लोगों के प्रेरणा स्रोत हैं। शकुंतला देवी ( Shakuntala Devi Birth ) का जन्म 4 नवंबर 1929 को कर्नाटक राज्य के बैंगलोर शहर में एक रूढ़िवादी कन्नड़ ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
पिता को ऐसे पता चला बेटी का कौशल | General Knowledge
उनके ( Shakuntala Devi Facts ) परिवार का आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर था और इसी गरीबी के कारण उन्हें प्राथमिक शिक्षा तक पहुंचने में समस्या हो गई। उनके रिश्तेदारों ने उनके पिता पर मंदिर में पुजारी के रूप में काम करने का दबाव डाला, लेकिन उनके पिता ने ऐसा करने से इनकार कर दिया और इसके बजाय वे एक सर्कस में काम करने का फैसला किया। शकुंतला देवी ( Amazing Facts About Shakuntala Devi ) के पिता पूरे शहर-गांव में अलग-अलग मदारी जैसे खेल दिखाते थे। बांस पर बंधी रस्सी पर चलते थे और लोगों का मनोरंजन करते थे। शकुंतला देवी ( Shakuntala Devi Facts ) के पिता को उनकी असाधारण प्रतिभा का पता तब चला।
3 साल की उम्र पिता को ताश के पत्तों में हराया | Shakuntala Devi Facts
जब उनकी तीन साल की उम्र में ही उन्होंने ताश के खेल में अपने पिता को बार-बार हरा दिया। पिता ने देखा कि शकुंतला ताश के 52 पत्तों के नंबरों और उनके अनुक्रम को आसानी से याद कर लेती हैं। इससे उन्हें उनकी बेहद विशेष मानसिक क्षमता का अंदाजा हुआ। उन्होंने पाया कि शकुंतला देवी का दिमाग असाधारण और बेहद तेज है। इसके बाद उनके पिता ने सर्कस के खेल करना बंद कर दिया और शकुंतला देवी के कौशल के आधार पर विभिन्न शहरों और कस्बों में सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करने लगे। पिता की इस पहल ने शकुंतला देवी को बचपन में ही स्थानीय स्तर पर काफी लोकप्रिय बना दिया था।
6 साल की उम्र में किया गणनात्मक क्षमताओं का प्रदर्शन
Human Calculator Shakuntala Devi : शकुंतला देवी की तेज बुद्धि से लोग प्रभावित होने लगे। ऐसे में शकुंतला देवी भी अपने पिता की कमाई में मदद करने लगीं। उनकी असाधारण बुद्धिमत्ता की ख्याति दूर-दूर के स्कूलों और कॉलेजों तक पहुंची और उन्हें विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों से आमंत्रित किया गया जाने लगा। शकुंतला देवी जब 6 साल की थीं, तब उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय में आयोजित एक बड़े कार्यक्रम में अपनी गणनात्मक क्षमताओं का प्रदर्शन किया था। साल 1977 में उन्होंने 201 अंकों की एक संख्या का 23वां वर्गमूल बिना कागज और कलम की मदद से निकाला था और महज 26 सेकेंड में उन्होंने 13 अंकों की दो संख्याओं का गुणनफल बता दिया था।