Chanakya Niti लक्ष्य को भेदने में मदद करेंगी चाणक्य की ये बातें, यहां जानें : आचार्य चाणक्य ( Acharya Chanakya ) भारतीय इतिहास के महान राजनीतिज्ञ, शास्त्रीय विद्वान और एक उत्कृष्ट शिक्षक थे। उनके द्वारा प्रस्तुत शिक्षाओं और विचारधारा का अद्भुत असर हमें आज भी मिलता है। चाणक्य ( Chanakya ) ने न केवल राजनीति और शास्त्रीय मुद्दों पर ज्ञान दिया, बल्कि सेहत के महत्व को भी बहुत माना और इस पर अपने विचार व्यक्त किए। उनके द्वारा दिए गए सेहत से सम्बंधित विचारों के बारे में जानते हैं। प्राचीन भारतीय समाज में सेहत को बहुत महत्व दिया जाता था और ये माना जाता था कि एक स्वस्थ शरीर ही सब कुछ है।
Chanakya Niti In Hindi
चाणक्य नीति ( Chanakya Neeti ) के अनुसार, हमारा लक्ष्य जितना बड़ा होगा, परेशानी भी उतनी बड़ी होगी। इन परेशानियों का सामना करने वाले व्यक्ति को बड़ी सफलता भी मिलती है। बड़े लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सिर्फ मेहनत ही काफी नहीं, बल्कि कुछ खास बातों का भी ध्यान रखना होता है, क्योंकि हर छोटा बदलाव हमारी बड़ी सफलता का एक महत्वपूर्ण अंग होता है। चाणक्य नीति में एक श्लोक के जरिए बताया गया है कि लक्ष्य प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित चीजों पर गौर करना जरूरी है और विचारने योग्य कार्य जिन्हें हमें नहीं करना चाहिए:-
ते पुत्रा ये पितुर्भक्ताः सः पिता यस्तु पोषकः।
तन्मित्रं यत्र विश्वासः सा भार्या या निवृतिः॥
यहां चाणक्य ( Chanakya Niti ) द्वारा इस श्लोक में बताया गया है कि परिवार कैसा होता है और परिवार के लोगों में किस प्रकार के गुण होने चाहिए। प्रथम जिसका उल्लेख किया गया है, वह है संतान। संतान को अपने पिता की सेवा, आदर सम्मान, और उनकी बातों का मानना चाहिए। पिता वही सही होता है जो अपने पूरे परिवार का पालन-पोषण अच्छे से कर सकें। अच्छे संबंधों का अहम हिस्सा होते हैं मित्र, जिन पर हम भरोसा और विश्वास करते हैं। और एक अच्छी पत्नी वही होती है जो हमेशा हमें खुश रखती है और हमारा ध्यान रखती है।
प्रभूतंकार्यमल्पंवातन्नरः कर्तुमिच्छति।
सर्वारंभेणतत्कार्यं सिंहादेकंप्रचक्षते॥
चाणक्य ( According Chanakya ) कहते हैं कि इंसान को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शेर की तरह व्यवहार करना बेहद जरूरी है, जिस तरह एक शेर अपने शिकार को एकाग्रता से देखता है और पूरी शक्ति के साथ उसे पकड़ने के लिए प्रयास करता है। वैसे ही इंसान को भी अपने कामों में पूरी उत्साह और एकाग्रता के साथ काम करना चाहिए।
चाणक्य ( Chanakya Niti ) ने सही कहा है कि व्यक्ति को अपने लक्ष्य को हासिल करने या पूरा करने के लिए अपने आप को शेर की तरह व्यवहार करना चाहिए। शेर हमेशा अपना पूरा बल लगाकर अपना शिकार पकड़ता है चाहे वो शिकार छोटा हो या बड़ा। इसी तरह इंसान को भी छोटे और बड़े कामों में एकाग्रता के साथ अपना पूरा बल लगाना चाहिए।
यस्मिन्देशे न सम्मानो नवृत्तिर्न च बान्धवाः।
न च विद्यागमोऽप्यस्ति वासस्तत्र न कारयेत्॥
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ( Acharya Chankya ) कहते हैं कि ऐसा एक देश जहां हमें सम्मान नहीं मिलता हो, जहां कोई आजीविका के लिए साधन नहीं होता और जहां हमारे पास भाई बंधु या मित्र जैसे कोई समर्थनी नहीं होता है, वहां रहने का वास्तव में कोई फायदा नहीं होता है। विद्या प्राप्त करने का भी कोई साधन नहीं होने से उस स्थान का विकास नहीं हो सकता।
Chanakya Niti In Hindi : इसलिए, चाणक्य ने इस तरह के देश या स्थान पर रहने की सलाह दी है जिसमें हमें न तो सम्मान मिलता है, न ही रोजी-रोटी की जरूर पूरी होती है और न ही हमारे लिए कोई समर्थनी होता है। इसलिए, एक ऐसे देश या स्थान पर निवास करने से बेहतर है हम विकासशील और समृद्ध देशों में रहें जहां हमें सम्मान और सामर्थ्य दोनों को प्राप्त हो सकता है।
Chanakya Niti : चाणक्य की ये बातें याद रखें, टारगेट पूरा होगा मिलेगी मंजिल