Chanakya Niti : चाणक्य नीति की ये खास बैतें हमेशा रखेंगी दूसरों से आगे, यहां जानें

Chanakya Niti चाणक्य नीति की ये खास बैतें हमेशा रखेंगी दूसरों से आगे, यहां जानें : आचार्य चाणक्य ( Acharya Chanakya ) एक महान विद्वान थे और उनकी गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में होती है। वे एक मुख्य राजनीतिज्ञ, शिक्षाविद् और शिक्षक भी रहे हैं। वे भारतीय इतिहास के एक महान प्रशासक चंद्रगुप्त मौर्य के गुरू थे। चाणक्य ने एक दूरदर्शी और अद्यात्मवादी सोच के साथ अपनी प्रस्तुतियों और नीतियों के लिए प्रसिद्धता प्राप्त की है। चाणक्य ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अपने विचारों और ज्ञान को लेकर कई ग्रंथ लिखे, जिनमें से एक कौटिल्य अर्थशास्त्र ( Kautilya Economics ) भी हैं।

Chanakya Niti In Hindi

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इसी को चाणक्य नीति ( Chanakya Niti ) भी कहा जाता है। इसमें राज्यव्यवस्था, कृषि, न्याय एवं राजनीति आदि के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया है। आचार्य चाणक्य के इस ग्रंथ में 17 अध्याय हैं और इनमें धन, सम्पत्ति, दौलत, विद्या और स्वास्थ्य जैसी समस्याओं के समाधान के लिए उपयोगी नीतियों की पूरी जानकारी दी गई है। चाणक्य नीति में कुछ खास बिंदुओं का खास जिक्र होता है जो उत्तम जीवन स्तर के लिए उपयोगी हैं। चाणक्य नीति में कई तरह के संकेत हैं जो इसकी बेहतर महत्त्व को समझाते हैं। आज भी लोग सफलता के लिए चाणक्य नीति का अध्ययन करते हैं।

मानव कल्याण पर क्या कहते हैं चाणक्य | Chanakya Niti

चाणक्य नीति ( Chanakya Neeti In Hindi ) अपनी शांति, संतुलन और ताकत के लिए जानी जाती है जो हमें खुशहाल जीवन जीने की राह दिखाती है। चाणक्य का संदेश यह है कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए हमें ईमानदार, धैर्यवान, सावधान और संघर्ष उद्यमी होना चाहिए। साथ ही चाणक्य नीति ( Acharya Chanakya Niti ) में उन्होंने कई विषयों पर विस्तार से चर्चा की है। वे मानव कल्याण के लिए अपने विचारों को श्लोकों के माध्यम से प्रस्तुत किया है। चाणक्य नीति को सफलता प्राप्त करने का एक अमोघ उपाय माना जाता है।

नात्यन्तं सरलैर्भाव्यं गत्वा पश्य वनस्थलीम् । छिद्यन्ते सरलास्तत्र कुब्जास्तिष्ठन्ति पादपाः ॥

अर्थ – आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति का अत्यंत सीधापन उसकी गले की हड्डी बन सकता है। वे उदाहरण के रूप में कहते हैं कि वन में सीधे पेड़ों को पहले काट दिया जाता है, क्योंकि टेढ़े पेड़ों को काटने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इसी तरह, व्यक्ति के सीधापन से सभी लाभ उठाते हैं, इसलिए इस कलयुग में सफलता प्राप्त करने के लिए थोड़ी चालाकी आवश्यक है।

कः कालः कानि मित्राणि को देशः कौ व्ययागमौ ।कश्चाहं का च मे शक्तिरिति चिन्त्यं मुहुर्मुहुः ॥

अर्थ – भविष्य सुरक्षित करने के लिए सही समय, सही मित्र, सही स्थान, उचित खर्च और अपनी ऊर्जा स्रोत पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होती है। यह आपको हर दिशा में सफलता दिलाएगा।

यो ध्रुवाणि परित्यज्य अध्रुवं परिषेवते ।ध्रुवाणि तस्य नश्यन्ति चाध्रुवं नष्टमेव हि ॥

अर्थ – चाणक्य ने इस श्लोक में कहा है कि जो व्यक्ति हर चीज को पाने की लालसा में रहता है, वह स्थायी को छोड़कर अस्थायी चीज का सहारा लेता है। जो व्यक्ति निश्चित चीज को छोड़कर अनिश्चित चीज की ओर ध्यान देता है, उसका निश्चित भी नष्ट हो जाता है। इसलिए, जब भी कोई निर्णय लिया जाए, तो सत्य और गलत की जांच अवश्य करें।

गुणैरुत्तमतां याति नोच्चैरासनसंस्थितः। प्रासादशिखरस्थोऽपि काकः किं गरुडायते॥

अर्थ – चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य अपने कर्मों और गुणों के आधार पर श्रेष्ठता की प्राप्ति करता है। वे बताते हैं कि एक विद्वान व्यक्ति यद्यपि गरीब हो सकता है, लेकिन धनवान लोगों के बीच वह पूज्य होता है। व्यक्ति धन, सम्मान और पद से ही महान नहीं बनता, बल्कि उसके कर्म और गुणों से होता है।

Chanakya Niti : जीवन में सफलता के लिए ऐसे लोगों से रहें दूर, ये कहती है चाणक्य नीति