IAS Success Story : परिवार था पढ़ाई के खिलाफ लेकिन IAS बनकर ही मानी वंदना चौहान

IAS Success Story UPSC Topper Vandana Singh Chauhan परिवार था पढ़ाई के खिलाफ लेकिन IAS बनकर ही मानी वंदना चौहान : संघ लोक सेवा आयोग ( Union Public Service Commission ) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा ( Civil Services Examination ) असल में देश और दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। इस परीक्षा के तीन चरण होते हैं, जिसको पारित करना किसी भी उम्मीदवार के लिए आसान नहीं होता है, जिसमें पहली प्रारंभिक परीक्षा ( Preliminary ), मुख्य परीक्षा ( Main Examination ) और साक्षात्कार ( Interview )। ऐसे में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा ( UPSC Civil Services Exam ) को पास करना कोई आसान काम नहीं है।

UPSC Topper IAS Vandana Singh Chauhan Success Story

IAS Officer Vandana Singh Chauhan Success Story
IAS Officer Vandana Singh Chauhan Success Story

हर साल लाखों उम्मीदवार परीक्षा देते हैं और इनमें से बहुत कम ऐसे होते हैं जो पहले ही प्रयास में परीक्षा ( UPSC Exam ) पास करने में सफल और टॉप 10 में जगह बना लेते हैं। हालांकि, जिन उम्मीदवारों को यूपीएससी परीक्षा ( UPSC Exam ) में सफलता मिलती है, उनकी सक्सेस स्टोरी बाकी उम्मीदवारों के लिए काफी प्रेरणादायक रहती है। ऐसे में हम दिन आपके साथ ऐसे उम्मीदवारों की कहानी बताते हैं, जिनसे आप प्रेरित होते हैं और यूपीएससी परिक्षा ( UPSC Exam ) के लिए तैयारी कर सकते हैं। आज भी हम आपको ऐसे ही अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं।

Success Story UPSC Topper IAS Officer Vandana Singh Chauhan

आज हम आपको एक ऐसी ही शख्सियत के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका परिवार उनकी पढ़ाई के खिलाफ था, लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और उन्होंने अपने परिवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा अफसर ( Indian Administrative Service Officer ) बनकर दिखाया। जी हां, हम बात कर रहे हैं आईएएस ऑफिसर वंदना सिंह चौहान ( IAS Officer Vandana Singh Chauhan ) के बारे में बताने जा रहे हैं। इनकी सक्सेस स्टोरी ( IAS Vandana Singh Chauhan Success Story ) हर किसी को मोटिवेट कर सकती है। ये कहानी उस लड़की की है, जिसने अपने परिवार के खिलाफ जाकर पढ़ाई की।

बेहद अलग है वंदना के IAS बनने की कहानी

आज भी कई ऐसे परिवार हैं, जहां लड़कियों की शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया जाता है। वंदना सिंह चौहान ( IAS Vandana Singh Chauhan Education ) को अपनी पढ़ाई करने के लिए अपने परिवार से विरोध करना पड़ा। उन्होंने आईएएस अफसर ( Vandana Singh Chauhan IAS Story ) के रूप में साबित किया कि जीवन में कुछ करने की इच्छा हो तो रास्ते खुद ही मिल जाते हैं। वंदना सिंह चौहान का जन्म 04 अप्रैल 1989 को हरियाणा के नसरुल्लागढ़ गांव में हुआ था। उनके पिता महिपाल सिंह चौहान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके गांव में कोई अच्छा स्कूल नहीं था। इसलिए उन्होंने अपने बेटे को पढ़ाई के लिए बाहर भेज दिया था।

Law की पढ़ाई के बाद शुरू की UPSC की तैयार

तब वंदना उनसे लगातार एक ही सवाल पूछती थीं कि उन्हें कब पढ़ाई करने के लिए भेजा जाएगा। शुरू में वह वंदना की बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे। फिर एक दिन वंदना ने अपने पिता से कहा कि वह बेटी हैं और इसीलिए उनके पिता उन्हें बाहर नहीं भेज रहे हैं। इसके बाद उन्होंने वंदना का एडमिशन मुरादाबाद के एक गुरुकुल में करवा दिया, तब वंदना के दादा, ताऊ, चाचा व परिवार के अन्य सदस्य महिपाल सिंह के खिलाफ हो गए थे। 12वीं के बाद वंदना लॉ की पढ़ाई के साथ ही घर पर रहकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी भी करने लगीं।

UPSC में वंदना चौहान ने हासिल की 8वीं रैंक

IAS Officer Vandana Singh Chauhan Success Story : वंदना सिंह चौहान के लक्ष्य आईएएस अफसर बनने के प्रति काफी गंभीर थे। वे रोजाना 12-14 घंटे तक पढ़ाई करती थीं। आगरा के डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय में एलएलबी (LLB) कोर्स में दाखिला होने के बावजूद, परिवार के सहयोग की कमी के कारण उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई करनी पड़ी। उनके भाई ने उन्हें इस दौरान काफी साथ दिया। वंदना ने हिंदी माध्यम से यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) दी और 2012 में 8वीं रैंक हासिल की।

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