IAS Success Story UPSC Topper Madhumita घरवालों ने UPSC के तैयारी छोड़ घर वापसी पर डाला दबाव, मधुमिता ने IAS बन कर दिखाया : इन दिनों मीडिया में ज्योति मौर्य ( SDM Jyoti Maurya ) के मामले का विवाद चर्चा में है। ऐसे में देश की काफी आगे पढ़ने वाली लड़कियों और महिलाओं के जीवन पर गहरा असर पड़ा है। कई जगह से खबरें सामने आई हैं कि घर वालों ने या पति ने उनकी पढ़ाई को बीच में रोकर उनको घर बुला लिया। साथ ही संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा ( UPSC Exam ) में हिस्सा लेने वाली महिला उम्मीदवारों पर इस घटना का बड़ा प्रभाव पड़ा है।
UPSC Topper IAS Madhumita Success Story
यूपीएससी की तैयारी ( Union Public Service Commission ) करने वाली कई उम्मीदवारों ने कहा है कि उनके परिवार उन्हें पढ़ाई करने के लिए दबाव बना रहे हैं और उन्हें पढ़ाई से हटाकर वापस आने का दबाव बना रहे हैं। इस दौरान हरियाणा की मधुमिता ( IAS Officer Madhumita ) की सफलता की कहानी सभी को प्रेरित कर सकती है। उन्होंने साल 2019 में यूपीएससी परीक्षा ( UPSC Civil Service Exam ) में 86वीं रैंक हासिल की थी और आईएएस अफसर बन अपना सपना पूरा किया और दूसरों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गईं। मधुमिता बचपन से ही एक मेहनती छात्रा रही हैं।
Success Story UPSC Topper IAS Officer Madhumita
उन्होंने ,साल 2010 में महाराणा प्रताप पब्लिक स्कूल, समालखा से 10वीं बोर्ड परीक्षा में टॉप किया था। उसके बाद साल 2012 में 12वीं कक्षा में वह दूसरी रैंक पर थीं। इसके बाद उन्होंने प्रतीक्षा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी, समालखा से बीबीए किया। उन्होंने यूनिवर्सिटी में टॉप किया था। उसके बाद, उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, इग्नू से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में 72 प्रतिशत अंक हासिल किए। मधुमिता के पिता, महावीर सिंह, हरियाणा एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड में ऑक्शन रिकॉर्डर हैं। मधुमिता की मां दर्शना देवी घर की देखभाल करती हैं। मधुमिता के दो भाई हैं, सतेंद्र और राघवेंद्र।
घरवाले पढ़ाई छोड़े का बनाते रहे दवाब | IAS Madhumita Success Story
मधुमिता अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अक्सर राघवेंद्र के साथ की तस्वीरें साझा करती हैं। मधुमिता के पिताजी को उन पर हमेशा भरोसा रहा है। वे चाहते थे कि मधुमिता सरकारी अधिकारी बनें। उसके बाद, मधुमिता ने कभी भी करियर के बारे में सोचा नहीं। मधुमिता के रिश्तेदार अक्सर उनके पिता को सलाह देते थे कि उन्हें पढ़ाई पूरी होने के बाद ही उनकी शादी कर दें। लेकिन मधुमिता के पिताजी चाहते थे कि मधुमिता पहले नौकरी करें, और उसके बाद ही उनकी शादी हो। मधुमिता ने साल 2017 में अपना पहला यूपीएससी अटेंप्ट किया था। उसने मेंस परीक्षा में सफलता हासिल की थी।
क्या सिखाती है IAS मधुमिता की सफलता की कहानी
IAS Success Story UPSC Topper Madhumita : बाद में 2018 में उन्होंने मेंस परीक्षा में असफलता का सामना किया था। साल 2019 में उन्होंने 86वीं रैंक के साथ सफलता हासिल की। मधुमिता ने यूपीएससी परीक्षा ( UPSC Exam ) में इतिहास के विषय को चुना था। दो असफल अटेम्प्ट्स के बाद, उन्होंने अपनी स्ट्रैटेजी में बदलाव किया था। पहले दो अटेम्प्ट्स में वे सेल्फ स्टडी करती थीं। फिर तीसरे अटेम्प्ट से पहले मधुमिता ने दिल्ली में टेस्ट सीरीज़ क्लासेज़ शुरू की थीं। इन क्लासेज़ में, 15 दिनों में सिलेबस पूरा किया जाता था और एक टेस्ट आयोजित किया जाता था। इन टेस्ट सीरीज़ क्लासेज़ के जरिए उनका आत्मविश्वास बढ़ा। इसके अलावा मधुमिता रोज़ाना लगभग 8 घंटे पढ़ाई करती थीं।
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