IAS Success Story : अनाथालय में पले-बढ़े अब्दुल नासर घर-घर अखबार बांटकर बनें IAS अफसर

IAS Success Story UPSC Topper B Abdul Nasar अनाथालय में पले-बढ़े अब्दुल नासर घर-घर अखबार बांटकर बनें IAS अफसर : संघ लोक सेवा आयोग ( Union Public Service Commission ) भारत सरकार द्वारा आयोजित किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण परीक्षा है, जिसे सिविल सेवा परीक्षा ( Civil Services Examination ) भी कहा जाता है। ये परीक्षा भारतीय संविधान ( Indian Constitution ) के अनुसार, भारतीय नागरिकों को भारत सरकार के कई सिविल सेवा निगमों में जैसे भारतीय प्रशासनिक सेवा ( Indian Administrative Service ), भारतीय पुलिस सेवा ( Indian Police Service ), भारतीय वन सेवा ( Indian Forest Service ), आंतरिक राजस्व सेवा ( Internal Revenue Service ) जैसी कई सरकारी भर्तियों के लिए आयोजित की जाती है।

UPSC Topper IAS B Abdul Nasar Success Story

IAS Officer B Abdul Nasar Success Story
IAS Officer B Abdul Nasar Success Story

इस परीक्षा के जरिए भारत के कई पदों के लिए उम्मीदवारों को चयन किया जाता है। सिविल सेवा परीक्षा ( UPSC CCE ) के तहत कई स्तरों की परीक्षाएं होती हैं, जिनमें UPSC Prelims, Mains और Interview शामिल होते हैं। प्रीलिम्स परीक्षा आम तौर पर जून-जुलाई के बीच आयोजित की जाती है और इसमें लाखों उम्मीदवार भाग लेते हैं। हालांकि, सिविल सेवा परीक्षा के तहत इंटरव्यू राउंड में चयनित उम्मीदवारों की संख्या सीमित होती है और वे कई सरकारी नौकरियों के लिए नामांकित होते हैं।

Success Story UPSC Topper IAS Officer B Abdul Nasar

इस परीक्षा की मांग और प्रतिस्पर्धा के कारण यूपीएससी ( UPSC ) को भारत में सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक माना जाता है और ये आम तौर पर एक बड़े स्तर की परीक्षा के रूप में जानी जाती है। ऐसे में जो उम्मीदवार इस परिक्षा में पास हो जाते हैं और अपने सपने पूरे कर लेते हैं वो दूसरों के लिए प्रेरणा बन जाते हैं, जिनकी कहानियां दूसरों को ये सीख देते हैं वो अपनी कड़ी मेहनत से अपने और अपने परिवार का सपना पूरा करते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अनाथालय में पले-बढ़े।

IAS Abdul Nasar ने अनाथालय में रहकर की पढ़ाई

उन्होंने घर-घर अखबार बांटा और अपना सपना साकार करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा ( Indian Administrative Service ) अफसर बन गएं। ये कहानी आईएएस अफसर अब्दुल बी नासर ( IAS Officer B Abdul Nasar ) की है। उन्होंने 13 साल तक केरल के अनाथालयों में रहकर पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए कठिनाईयों का सामना किया। बी अब्दुल नासर ने पांच साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया था। पिता के निधन के बाद अब्दुल और उनके परिवार का जीवन काफी मुश्किल साबित हुआ।

13 साल के उम्र तक अनाथालयों में रहें IAS B Abdul Nasar

उनकी मां ( IAS B Abdul Nasar Mother ) डोमेस्टिक हेल्प के रूप में काम करती थीं, जबकि वे और उनके भाई-बहन अनाथालय में रहते थे। नासर ने अपने 13 साल के उम्र तक अनाथालयों में रहकर अपनी स्कूली शिक्षा ( IAS B Abdul Nasar Education ) पूरी की। अब्दुल नासर ने केवल 10 साल की उम्र में होटल क्लीनर की भी नौकरी की। वे कई बार अनाथालय से भाग भी गए, लेकिन पढ़ाई पूरी करने के इरादे से वापस लौट आए। अपार गरीबी के बावजूद उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से 12वीं की पढ़ाई पूरी की और फिर थालास्सेरी के सरकारी कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।

स्वास्थ्य विभाग में अधिकारी हैं अब्दुल बी नासर

Indian Administrative Service Officer B Abdul Nasar : भारतीय प्रशासनिक सेवा अफसर नासर ने अपने जीवन में ट्यूशन पढ़ाने, फोन ऑपरेटर के रूप में काम करने जैसे कई कामों को अपनाया। पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद उन्हें केरल के स्वास्थ्य विभाग में अधिकारी ( B Abdul Nasar Officer In Health Department ) के तौर पर पहली नौकरी मिली, लेकिन वे इस नौकरी से संतुष्ट नहीं थे। साल 2006 में राज्य सिविल सेवा परीक्षा को सफलतापूर्वक पारित करके उन्होंने डिप्टी कलेक्टर का पद प्राप्त किया। अब्दुल नासर को साल 2015 में केरल के सर्वश्रेष्ठ डिप्टी कलेक्टर के रूप में सम्मानित किया गया।

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